Saturday, February 20, 2010

तू यहां कैसे ?

संता की बीबी प्रीतो एक दुकान पर पहुंची जहां परिंदे बेचे जाते थे। एक तोते के पिंजरे के आगे कीमत लिखी थी - मात्र 50 रु. ।
प्रीतो ने दुकानदार से पूछा - इसकी कीमत इतनी कम क्यों है जबकि तुम्हारी दुकान पर दूसरा कोई भी तोता 500 रु. से कम का नहीं है।
- दरअसल इस तोते का बोलचाल ठीक नहीं है। यहां आने के पहले यह एक वैश्या के घर में था। इसलिए कभी-कभी अश्लील बातें और भद्दी गालियां बकने लगता है। आप कोई दूसरा तोता ले जाइये, यह आपके घर के लायक नहीं है।
प्रीतो ने दो मिनट सोचा फिर बोली - चलेगा। मैं इसे अपने घर के लायक बना लूंगी। आप तो यही तोता दे दीजिए।
घर लाकर उसने तोते का पिंजरा अपने बेडरूम में टांग दिया और उसके कुछ बोलने का इंतजार करने लगी।
तोते ने शांतिपूर्वक इधर-उधर का मुआयना किया फिर बोला - वाह ! नया घर और नई औरत ! क्या बात है !
- ये तो कोई गाली नहीं है। प्रीतो  ने सोचा ।
थोड़ी देर बाद उसकी दोनों बेटियां कॉलेज से वापस आ गईं ।
उन्हें देखते ही तोता बोला  - दो-दो नई लड़कियां ! क्या किस्मत है बाप !
- इसमें भी ऐसी कोई बुरी बात नहीं बोली है उसने। दुकानदार खांमखा डरा रहा था। प्रीतो ने सोचा ।
शाम को प्रीतो का पति संता घर आया । उसे देखते ही तोता चहक कर बोला - ओए संता ! तू यहां कैसे यार ?

0 टिप्पणियाँ: