Saturday, February 20, 2010

कैसे जाना ?

एक बार लुधियाना का फर्नीचर व्यवसायी बंतासिंह अपने मित्र संतासिंह के आमंत्रण पर अमरीका गया। एक शाम जब संता कहीं गया हुआ था, वह अकेला ही एक बार में पहुंचा, बीयर की एक बोतल ली और बार के एक कोने में पड़ी टेबल पर जाकर बैठ गया। उसकी टेबल के पास एक कुर्सी और थी जो खाली थी।

कुछ देर बाद एक सुंदर सी युवती उसके पास आकर रुकी । उसने अंग्रेजी में बंतासिंह से कुछ कहा जो उसे  समझ में नहीं आया। बंता ने उसे बैठने का इशारा किया ।

बंता ने अपनी टूटी फूटी अंग्रेजी में उससे बात करने की कोशिश की पर बेकार। वे दोनों ही एक दूसरे की बात समझ नहीं पा रहे थे। आखिरकार बंता ने एक कागज पर बीयर के गिलास का चित्र बनाकर उसे दिखाया जिसे देखकर उसने हां में सिर हिलाया। बंता समझ गया कि लड़की बीयर पीना चाहती है। उसने उसके लिए भी एक बीयर का आर्डर कर दिया। 

पीना खत्म होने के बाद बंता ने एक और कागज पर खाने से भरी प्लेट का चित्र बनाकर उसे दिखाया। उसने फिर हां में सिर हिलाया और बंता ने खाने का आर्डर भी कर दिया।
खाना खाने के बाद, युवती ने एक कागज लिया। उस पर पलंग का चित्र बनाकर वह बंतासिंह को दिखाकर मुस्कराई ।

बंतासिंह ने चकित होते हुए उसके जबाब में हां में सिर हिलाया और बिल चुकाकर चला आया।

इस बात को इतने साल हो गये, आज तक बंतासिंह को यह समझ में नहीं आया कि लड़की ने कैसे जाना कि वह फर्नीचर का कारोबार करता है ........?

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